Satish Kaushik Death: सतीश कौशिक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई सामने, जानें क्या बताया गया मौत का कारण

Satish Kaushik Death

 Satish Kaushik Death: सतीश कौशिक की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने आई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि बॉलीवुड एक्टर-डायरेक्टर की मौत कार्डियक अटैक के...


Satish Kaushik Death: सतीश कौशिक की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने आई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि बॉलीवुड एक्टर-डायरेक्टर की मौत कार्डियक अटैक के कारण हुई है। सूत्रों के अनुसार, प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार शरीर पर चोट के कोई निशान नहीं मिले हैं।


सूत्रों ने कहा, “सतीश कौशिक की मौत के कारण कार्डिएक अरेस्ट है। शरीर पर कोई चोट के निशान नहीं मिले हैं। उनके शरीर में अल्कोहल की मात्रा भी नहीं पाई गई है। ब्लड और विसरा सैंपल संरक्षित किए गए हैं और जांच के लिए भेजे गए हैं।”


दिल्ली पुलिस यह पता लगाने के लिए भी नियमित जांच पड़ताल में जुटी है कि सतीश कौशिक की मौत रहस्यमय परिस्थितियों में या अप्राकृतिक कारणों से हुई थी? बता दें कि सतीश कौशिक का 66 साल की उम्र में बुधवार देर रात निधन हो गया। पुलिस मामले में CrPC की धारा 174 के तहत कार्रवाई में जुटी है।


मुंबई में किया जाएगा अंतिम संस्कार

बता दें कि दिल्ली के दीन दयाल अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद सतीश कौशिक का शव परिजनों को सौंप दिया गया है। सूत्रों ने बताया कि दिवंगत एक्टर के पार्थिव शरीर को एयर एंबुलेंस के जरिए अंतिम संस्कार के लिए मुंबई लाया जाएगा।


बताया जा रहा है कि सतीश कौशिक बुधवार को दिल्ली में एक दोस्त के घर होली मनाने आए थे। देर रात उनकी तबीयत बिगड़ गई थी। इसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत की पुष्टि हुई। 13 अप्रैल, 1956 को हरियाणा के महेंद्रगढ़ में जन्मे सतीश कला के प्रति गहरे प्रेम के साथ बड़े हुए। उन्होंने 1972 में किरोड़ीमल कॉलेज, दिल्ली से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान के साथ राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के पूर्व छात्र थे।


बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे सतीश कौशिक

सतीश कौशिक एक बहुमुखी अभिनेता, लेखक, निर्देशक और निर्माता थे। उन्होंने अपनी दमदार एक्टिंग और कॉमिक सेंस के जरिए बॉलीवुड में अलग पहचान बनाई। उन्होंने 1980 और 1990 के दशक में ‘मिस्टर इंडिया’, ‘साजन चले ससुराल’ और ‘जुदाई’ जैसी लोकप्रिय फिल्मों में अपने काम के लिए पहचान हासिल की।


उन्हें एक लेखक और निर्देशक के रूप में उनके काम के लिए भी जाना जाता था, उन्होंने ‘रूप की रानी चोरों का राजा’, ‘हम आपके दिल में रहते हैं’, तेरे नाम, तेरे संग जैसी फिल्मों का निर्देशन किया था।

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